India Hindi News

Thursday, August 14, 2025

टेक्सटाइल-फैशन हब बनेगा प्रदेश, इंटरनेशनल मार्केट में दिखेंगे हमारे प्रोडक्ट, सीएम डॉ. मोहन बोले- उद्योगपतियों की पसंदीदा जगह है एमपी


सीएम डॉ. मोहन की अपैरल-टेक्सटाइल ब्रांड के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल मीटिंग

'मेड इन एमपी-वियर एक्रॉस द वर्ल्ड' के विजन को साकार करेगी मध्यप्रदेश सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उद्योगों को मिल रहा प्रोत्साहन

राज्य सरकार-बीएसएल एसोसिएशन के बीच हुआ एमओयू 

14 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश के लिए 14 अगस्त का दिन खास रहा। प्रदेश में वर्ल्ड क्लास स्तर के कई ब्रांड्स ने दस्तक दी। इससे एक तरफ राज्य का आर्थिक विकास होगा, तो दूसरी तरफ रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 अगस्त को सीएम हाउस में 15 से अधिक शीर्ष अपैरल-टेक्सटाइल ब्रांड के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने निवेशकों के साथ निवेश बढ़ाने और मध्यप्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने पर चर्चा की। इस मौके पर राज्य सरकार और बीएसएल एसोसिएशन (Brands and Sourcing Leaders Association) के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य सरकार टेक्सटाइल इंडस्ट्री सहित सभी तरह के उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश परिधान और वस्त्र उद्योग क्षेत्र में फाइबर से फैशन तक का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। प्रदेश में उपलब्ध पर्याप्त ग्रीन एनर्जी, ऑर्गेनिक कॉटन, वस्त्र क्षमताएं और राज्य की औद्योगिक अनुकूल नीतियां प्रदेश को वैश्विक ब्रांडों के लिए पसंदीदा सोर्सिंग स्थान और उत्पादन केंद्र बनाती हैं। हम 'मेड इन एमपी-वियर एक्रॉस द वर्ल्ड' के विजन को साकार करेंगे। राउंड टेबल मीटिंग में सीएम डॉ. यादव ने कहा कि परस्पर संवाद से ही विश्वास बनता है। प्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों के उद्योगपतियों से मिले सुझावों पर गंभीरता से विचार करती है। इसके बाद ही आगामी कार्य योजना तैयार करती है। हमारी सरकार भारतीय उद्योगपतियों का दुनिया में मान सम्मान बढ़ाने के लिए बीएसएल के विश्वास पर खरी उतरेगी। 

टेक्सटाइल सेक्टर में मिल चुका 3513 करोड़ रुपये का निवेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले 21 महीने में प्रदेश में औद्योगिक निवेश का अनुकूल वातावरण बना है। प्रदेश में उद्योग केंद्रित 18 निवेश नीतियां लागू की गई हैं। मध्यप्रदेश की टेक्सटाइल पॉलिसी देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने के लिए संकल्प के साथ काम कर रही है। अब तक टेक्सटाइल सेक्टर में 3513 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को पीएम मित्र पार्क का भूमि-पूजन करेंगे। इसके भूमि-पूजन से पहले ही 16 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। एविएशन पॉलिसी के अंतर्गत राज्य सरकार प्रति अंतर्राष्ट्रीय उड़ान 15 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। साथ ही, राज्य सरकार ने कई गैर-जरूरी कानूनों को खत्म कर उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाया है। कई प्रकार की अनुमतियों को कम करके 10 कर दिया है। प्रदेश सरकार निवेश के इच्छुक उद्यमियों और संगठनों को 30 दिन में सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करके दे रही है। सरकार उद्योगपतियों की परेशानियों को कम करने के लिए संकल्पित है। 

एक साल में 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधियों से कहा कि मध्यप्रदेश की जनता का विश्वास सरकार के साथ है। इसी के बूते प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में पिछले लोकसभा चुनाव में हमें सभी 29 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। एक वर्ष के अंदर 3 नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण हुआ है। साथ ही 6 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण प्रस्तावित है। इस प्रकार मध्य प्रदेश में एक वर्ष में कुल 9 मेडिकल कॉलेज लोकार्पित होंगे।     

मध्यप्रदेश में सबसे सस्ती और सरप्लस बिजली

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एनर्जी और इंडस्ट्री क्षेत्र में प्रदेश की एक अलग पहचान बन रही है। आज मध्यप्रदेश के पास सरप्लस बिजली है और मध्य प्रदेश देश को सबसे सस्ती बिजली दे रहा है। यहां तक कि दिल्ली में मेट्रो भी मध्य प्रदेश की बिजली से दौड़ रही है। राज्य सरकार ने किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के लिए सोलर पंप सहित कई कल्याणाकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार प्रधानमंत्री मोदी की भावना के अनुरूप गरीब, किसान, युवा और नारी कल्याण के लिए संकल्पित है।

मध्यप्रदेश आएं हैं तो सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध् प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र की विशेषताओं से अंतर्राष्ट्रीय परिधान और वस्त्र उद्योग ब्रांड के प्रतिनिधियों और सोर्सिंग प्रमुखों का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश आए हैं तो यहां सांची के बौद्ध स्तूप, भीम बैठिका के पुरातन शैल चित्र देखने जरूर जाएं। साथ ही उज्जैन में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर काल गणना के प्रमुख केंद्र देखने भी जाएं।

Saturday, July 26, 2025

मिले 3000 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव, सीएम मोहन यादव बोले- खुलेंगे आर्थिक समृ‌द्धि और रोजगार के नए द्वार


रीवा में आयोजित हुई रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव

सीएम डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों से की वन-टू-वन चर्चा

एक्टर मुकेश तिवारी, एक्ट्रेस सांविका की विशेष मौजूदगी

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश लगातार कर रहा विकास

विंध्य टूरिज्म की बदल जाएगी सूरत, खिलेंगे लोगों के चेहरे

भोपाल 26 जुलाई 2025। 'हम वसुधैव कुटुंबकम के माध्यम से हम टूरिज्म के साझेदारों को जोड़ना चाहते हैं। टूरिज्म के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार मिलता है। उद्योग मंदिर की तरह हैं, जहां लोगों की जीवन पलता है। उन्हें रोजी-रोटी मिलती है। हम इस सेक्टर में निवेश के लिए निवेशकों का स्वागत करते हैं। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 26 जुलाई को रीवा जिले में कही। सीएम डॉ. यादव कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। कॉन्क्लेव में कई कंपनियों के साथ एमओयू भी साइन किए गए। इस दौरान कई निवेशकों को जमीन भी आवंटित की गई। कार्यक्रम में विंध्य क्षेत्र के टूरिज्म स्पॉट पर फिल्म भी दिखाई गई। इस कॉन्क्लेव में 3 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।  

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास का कारवां चल रहा है। हमारी पूरी सरकार पूरी ताकत के साथ एक दिशा में आगे बढ़ रही है। रीवा रीजनल कॉन्क्लेव में कुछ ही महीने पहले 31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। जीआईएस में 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। साथ ही, 21 लाख लोगों को रोजगार भी मिलने की राह खुली। पर्यटन भी इंडस्ट्री के ही समान है। इसलिए इस सेक्टर में भी हर सुविधाएं देने के लिए तत्पर हैं। हमें गर्व है इस बात पर कि मध्यप्रदेश में टूरिज्म का सेक्टर सबसे तेज गति से बढ़ा है। इसमें धार्मिक पर्यटन का बड़ा रोल  है। टूरिज्म में सारे राज्य एक तरफ और मध्यप्रदेश एक तरफ। हमारी गंगा-यमुना ग्लेशियर की वजह से जलराशि प्राप्त करती हैं। लेकिन, हमें गर्व है कि हमारी नदियां भी उसी प्रवाह के साथ उनकी रफ्तार को गति देती हैं। 

किसने कितना दिया निवेश प्रस्ताव

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रातापानी टाइगर रिजर्व बना। इस क्षेत्र में दिन में आदमी तो रात में टाइगर घूमते हैं। इस तरह का दृश्य किसी और राजधानी में देखने को नहीं मिलता। दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर भारत में हैं, और भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं। एशिया की सबसे साफ पानी वाली नदी हमारी चंबल है। वहां घड़ियाल सेंचुरी भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि रीवा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज़ हुआ है। आज पर्यटन क्षेत्र में 3000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृ‌द्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। कॉन्क्लेव में निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। फ्लाईओला के मैनेजिंग डायरेक्टर राम ओला ने 700 करोड़ के सबसे बड़े निवेश की मंशा जताई, जो इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पर्यटन परियोजनाओं की शुरुआत का संकेत है। आरसीआरसीपीएल और विंध्य प्राइड के दिव्यांश सिंह बघेल ने 500 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई। इसी क्रम में अमित दिग्विजय सिंह ने 500 करोड़ और संदड़िया बिल्डर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत संदड़िया ने 300 करोड़ के निवेश का इरादा व्यक्त किया।

ये कंपनियां भी आईं आगे

इसके अतिरिक्त, जंगल कैंप इंडिया के गजेंद्र सिंह राठौर ने 150 करोड़, गौरव प्रताप सिंह और पुष्पराज सिंह ने 100-100 करोड़, राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस के मैनेजिंग डायरेक्टर  मानवेंद्र सिंह शेखावत ने हेरिटेज प्रॉपर्टी को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये, इको पार्क के अनुज और विजय तिवारी ने 80 करोड़, तथास्तु रिसॉर्ट के अनिल अग्रवाल ने 150 करोड़, सिद्धार्थ सिंह तोमर ने 15 करोड़, सि‌द्धिविनायक कंस्ट्रक्शन के वैभव सिंह कौरव ने 10 करोड़ और कैलाश फुलवानी ने 5 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई है।

दुनिया की सारी सफारियां हमारे आगे फेल

उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हर क्षेत्र में काम किया है। पूरा देश उनकी ओर देख रहा है। हम आज डंके की चोट पर कहते हैं कि हमारे पास वाइट टाइगर है। रीवा की टाइगर सफारी के आगे दुनिया की सफारियां फैल हैं। हमारे वॉटरफॉल के आगे नियाग्रा वॉटरफॉल कुछ भी नहीं है। बाण सागर का रिजर्ववॉयर मालदीप के टापू से कहीं खूबसूरत है। आज रीवा में शॉपिंग मॉल बन रहे हैं, बड़े-बड़े ब्रांड्स यहां आने को तत्पर हैं। आने वाले दिनों में रीवा स्वर्णिम नगरी होगी। यह क्षेत्र निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान है। 

निवेशकों का स्वागत है

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश सरकार इंवेस्टमेंट फ्रेंडली सरकार है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत मजबूत देश हो। इसी तरह मध्यप्रदेश को भी मजबूत राज्य बनाना है। इसमें निवेशकों को भी सहयोग अपेक्षित है। प्रदेश में निवेशकों का स्वागत है। पर्यटन-संस्कृति और धार्मिक न्यास मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मैन ऑफ आइडियाज हैं। आइडियाज को धरती पर उतारने की शक्ति भी उन्हें के पास है। हमारी सरकार की मंशा विंध्य-निमाड़ बुंदेलखंड को विकसित करना है। हमारे प्रदेश में सबसे ज्यादा विविधताओं वाला प्रदेश है। हम चीता-टाइगर स्टेट हैं। धार्मिक टूरिज्म के क्षेत्र में उनके नेतृत्व में भी प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। कुछ ही समय में प्रदेश में 13 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आए। हम गर्वे के साथ कह सकते हैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव के विजन से पर्यटन ऊंचाईयां छू रहा है। मैं निवेशकों से कहना चाहता हूं कि हमारी फिल्म-टूरिज्म पॉलिसी सबसे अनूठी है। आप सभी निवेशकों का प्रदेश में बाहें फैलाकर स्वागत है। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि रीवा की भौगोलिक स्थिति किसी भी पर्यटक को लुभा सकती है। सफेद बाघ केवल रीवा में है। बांधवगढ़ के पुरातात्विक अवशेष सबसे बड़ी पूंजी है। आज रीवा की ट्रेन-एयर कनेक्टिविटी बेहतर है। मैं आश्वस्त करता हूं कि पिछला ये डेढ़ वर्ष उद्योगपतियों से संवाद के लिए जाना जाएगा। मैं सबसे विनती करता हूं निवेशक यहां आएं, उनका स्वागत है।


लगातार काम कर रही सरकार

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। ये कार्य इस क्षेत्र की क्षमता को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। विंध्य क्षेत्र में पर्यटन को विशिष्ट अनुभव और सुविधाएं देने के लिए अमरकंटक में 50 करोड़ रुपये की लागत से प्रसाद योजना के तहत घाट, पुल और अन्य सुविधाएं विकसित की हैं। ये सुविधाएं केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने शुरू की है। इससे अमरकंटक को एक प्रमुख आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाना है। इसी तरह चित्रकूट भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का लंबा समय व्यतीत किया था। कामतगिरि परिक्रमा पथ के विकास के लिए लगभग 36.84 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किए जा रहे हैं। इसके अलावा चित्रकूट में भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत मंदाकिनी के किनारे राघव घाट, भरत घाट पर लगभग 27 करोड़ रुपये की लागत से विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभवों को विकसित किया जा रहा है। इस योजना में निर्मित घटकों का अगले 9 वर्षों तक संचालन व रखरखाव भी सम्मिलित है। रीवा से 65 किमी दूर स्थित शारदा देवी मंदिर श्रद्धा का एक बड़ा केंद्र है। यहां उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु आते हैं। उनकी सुविधा और आध्यात्मिक अनुभवों को बढ़ाने के लिए मैहर में मां शारदा देवी लोक बनाया जाएगा। यह परियोजना मैहर को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी।


कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार की व्यवस्था

राज्य के युवाओं को पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए शहडोल फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट स्थापित किया जा रहा है। इसका निर्माण 15.62 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। आज इसका लोकार्पण भी किया गया। रीवा में फूड क्राफ्ट इंस्टीटयूट पहले से ही संचालित है। यह संस्थान नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (NCHMCT) से मान्यता प्राप्त है। यह डेढ़ साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के साथ-साथ केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की "हुनर से रोजगार तक" जैसी निःशुल्क योजनाएं भी संचालित करेगा। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।


निवेशकों का बढ़ रहा विश्वास

बता दें, कॉन्क्लेव के दौरान पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 6 जमीनों के लिए लैटर ऑफ अलॉटमेंट (LOA) जारी किए गए। विंध्य क्षेत्र में इससे सीधे तौर पर 12 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के सैकड़ों अवसर पैदा होंगे। इन जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट और इको टूरिज्म यूनिट आदि का निर्माण किया जाएगा। इन आवंटनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।


पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा बुकिंग पोर्टल का आईआरसीटीसी पर लॉन्च

मध्यप्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग के सहयोग से 13 जून, 2024 को पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा शुरू की गई थी। इस सेवा के तहत पहली बार 2 ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट संचालित किए जा रहे हैं। यह सेवा भोपाल, इंदौर, सतना, रीवा और सिंगरौली के बीच संचालित हो रही है। इसकी टिकट बुकिंग वर्तमान में www.flyola.in के माध्यम से की जा रही है, और अब प्रचार-प्रसार और बुकिंग को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी वेबसाइट पर भी इसकी बुकिंग होगी। 


होम स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल लॉन्च

प्रदेश के पर्यटन ग्रामों में विकसित ग्रामस्टे को डिजिटल बुकिंग प्रणाली से जोड़ते हुए होम स्टे ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल लॉन्च किया गया है। इससे स्थानीय होमस्टे अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर MakeMyTrip, EaseMyTrip, yatra.com जैसे प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों (OTAs) के माध्यम से आसानी से बुक हो सकेंगे। इससे उन्हें अधिक बुकिंग दर मिलेगी। यह पहल ग्रामीण उद्यमियों को डिजिटल रूप से सशक्त करेगी और स्थानीय रोजगार तथा आय में वृद्धि करेगी।


महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर  

उल्लेखनीय है कि, मंडला, डिंडोरी, सिंगरौली, सीधी और सिवनी में कला और शिल्प केंद्रों के निर्माण के लिए ग्राम सुधार समिति, एमएम फाउंडेशन और समर्थ संस्था के साथ एमओयू साइन किया गया। यह एमओयू रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन के तहत स्थानीय कला और हस्तकला के संरक्षण, प्रशिक्षण, उत्पादन और महिलाओं व कारीगरों को आजीविका के अवसर प्रदान करेगा। मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड और दो प्रमुख डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों बारकोड एंटरटेनमेंट और क्विकी डिजिटल के बीच भी एमओयू साइन हुआ। यह साझेदारी मध्य प्रदेश की खूबसूरती, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों की कहानियों को सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवाओं सहित व्यापक दर्शकों तक पहुंचाएगी। रीवा के वेंकट भवन के संरक्षण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और पुरातत्व  के बीच एलओए का आदान-प्रदान किया गया है।



प्रमुख निवेशकों से सीएम डॉ. यादव की वन-टू-वन चर्चा

इस कॉन्क्लेव में अभिनेत्री सानविका और अभिनेता मुकेश तिवारी विशेष रूप से मौजूद थे। इनके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. ज्योत्सना सूरी, ट्रैवलकर बिग स्टोन प्राइवेट लिमिटेड, राजपूताना कैसल्स रिसॉर्ट्स एंड क्लब्स प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन डिगेश अमित दिग्विजय सिंह, पैनोरमिक बिजनेस एरिया कमर्शियल डायरेक्टर (इंडिया), मेंबर एसआईटीई इंडिया चैप्टर, ओटीओएआई मेंबर रोहित चोपड़ा, द एमआरएस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनवेंद्र सिंह शेखावत, जेट सर्व एविएशन एंड फ्लाईओला ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एस. राम ओला, जैसलमेर के फोर्ट राजवाड़ा के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय खोसला, तथास्तु रिजॉर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अगरवाल, अमित अलांय से चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अमित कुमार सिंह, जंगल कैंप्स इंडिया के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर गजेंद्र सिंह राठौर से वन-टू-वन चर्चा की। 


यह है एमपी का आकर्षक टूरिज्म पॉलिसी

गौरतलब है कि, पर्यटन में निवेश को आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन नीति 2025 को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है। निवेशकों को अनुमतियां देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। निवेशकों की सुविधा के लिए एक अलग सेल का गठन कर पारदर्शी निविदा प्रक्रिया स्थापित की गई है। अनुमतियों के लिए लगने वाले 30 दिन के समय को घटाकर 10 दिन किया गया है। 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाले निवेशकों को सीधे 90 साल के लिए जमीन आवंटित करते हैं। उन्हें कैपिटल सबसिडी भी प्रदान की जाती है। 


फिल्म टूरिज्म पॉलिसी भी कमाल की

फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन के लिए प्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी 2025 में सिंगल विंडो सिस्टम से सारी अनुमतियां दी जाती हैं। इसे लोकसेवा गारंटी एक्ट के अंतर्गत लाया गया है। स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म निर्माण पर आकर्षक इनसेंटिव्स प्रदान किए जाते हैं। एमपी के 450 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। फिल्म पर्यटन न केवल राजस्व लाता है, बल्कि स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और सहायक सेवाओं के लिए रोजगार भी पैदा करता है। इससे अर्थव्यवस्था को बहुआयामी लाभ होता है।


ग्रामीण होम स्टे पर फोकस

ग्रामीण पर्यटन पॉलिसी से हम पर्यटन स्थलों के आस-पास ग्रामीण होम स्टे स्थापित कर रहे हैं। इससे ग्रामीण, खासकर महिलाएं लाभ प्राप्त कर रही हैं। यह एक समावेशी विकास मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें पर्यटन के आर्थिक लाभ शहरी केंद्रों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचते हैं।

Thursday, May 15, 2025

लाड़ली बहना योजना के दो साल हुए पूरे, अब तक मिला 28 हजार करोड़ रूपए से अधिक का लाभ


बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

लाड़ली बहनों को सम्मान देकर पूरा प्रदेश होता है गौरवान्वित

देश में अनादिकाल से है नारी सम्मान की परम्परा

प्रदेश की 1 करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1551 करोड़ 89 लाख रूपए की राशि की गई अंतरित

56 लाख 83 हजार सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खातों में भेजी 341 करोड़ रूपए की राशि

26 लाख से अधिक बहनों को सिलेंडर रिफिलिंग के 30 करोड़ 83 लाख रूपए की राशि की ट्रांसफर

सीधी के लिए 112 करोड़ के विकास कार्यों का किया भूमि-पूजन और लोकार्पण 

सेना ने पराक्रम से ऑपरेशन सिंदूर चलाया और दुनिया को बताया सिंदूर का महत्व  

मुख्यमंत्री ने सीधी में हितलाभ वितरण एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रम को किया संबोधित

15 मई 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के गरीब, किसान (अन्नदाता), युवा और नारी कल्याण के लिए संकल्पित है। भगवान श्रीराम की संस्कृति को मानते हुए सरकार अपने सभी वचन (संकल्प) पूर्ण कर रही है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के दो साल पूरे हो गये है। गुरूवार को प्रदेश की सवा करोड़ से अधिक लाड़ली बहनों को योजना की 24वीं किश्त जारी की गई है। हर महीने बहनों को 1250 रुपए राशि भेजकर हर माह रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश में नारियों के सम्मान की परम्परा अनादि काल से है। हमने जो वादा बहनों से किया था उसे लगातार निभा रहें है। हम भगवान श्रीराम की संस्कृति को मानने वाले हैं जो वचन देते हैं उसे प्राण देकर भी निभाते हैं। लाड़ली बहना को सम्मान देकर पूरा प्रदेश गौरवान्वित होता है। प्रदेश की लाड़ली बहनों को अब तक 28 हजार करोड़ से अधिक का लाभ मिल चुका है। सरकार के द्वार बहनों के लिए सदैव खुले हैं। उन्होंने कहा कि बहन-बेटियों के खातों में पैसे पहुंचते हैं तो घर में लक्ष्मी बनी रहती है। भारत में पारिवारिक संस्कृति ऐसी है कि एक मां अपने हिस्से का भोजन बेटे को कराकर खुश होती है। भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां भारत भूमि की पूजा मां के रूप में की जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को सीधी में विभिन्न योजनाओं के हितलाभ वितरण के साथ विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमि-पूजन समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक से प्रदेश की 1 करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1551 करोड़ 89 लाख रूपए की राशि का अंतरण किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 56 लाख 83 हजार हितग्राहियों के खातों में 341 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की गई। साथ ही 26 लाख से अधिक बहनों को सिलेंडर रिफिलिंग की 30 करोड़ 83 लाख रूपए राशि का ट्रांसफर की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रिमोट का बटन दबाकर सीधी जिले में 112 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा-सीधी क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

बहनों के साथ किसान भाइयों के बैंक खातों में भी भेजी जा रही राशि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक माह बहनों के खातों में लाड़ली बहना योजना, किफायती दरों पर एलपीजी सिलेंडर रिफिल कराने के लिए सहायता राशि अंतरित कर रही है। इसी के साथ किसानों को प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का भी लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश की बहनों के साथ-साथ किसान भाइयों के बैंक खातों में भी पैसे भेजे जा रहे हैं। प्रदेश के समग्र विकास के लिए इस वित्तीय वर्ष में 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2047 तक 22 लाख 50 हजार रुपए करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों से हमने 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूँ खरीदा है। वर्ष 2003 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 11200 रूपये थी जो आज 1 लाख 52 हजार रूपये हो गई है।

विंध्य, सेना का नेतृत्व करने वाला क्षेत्र  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विंध्य क्षेत्र सेना का नेतृत्व करने वाला क्षेत्र है। थलसेना एवं नौसेना की कमान यहां से निकले 2 शीर्ष अफसरों के पास रहना गर्व का विषय है। भारतीय सैन्य बलों ने पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या का षडयंत्र रचने वाले आतंकियों का खात्मा कर 4 दिन पहले सीमा पर दिवाली मनाई। आतंकियों में भारतीय सेना का सामना करने का दम नहीं है। सेना ने पराक्रम से ऑपरेशन सिंदूर चलाकर दुनिया को सिंदूर का महत्व बताया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान अब दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। भारत अब एक नए दौर में है। भारतीय सेना के शौर्य से पूरा देश गौरवान्वित है। उल्लास के वातावरण में अलग-अलग शहरों में तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं।

समारोह में सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विन्ध्य से गहरा नाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में लोकसभा की सभी सीटों पर हमने जीत हासिल की। विधायक सीधी श्रीमती रीती पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीधी विधानसभा क्षेत्र को 112 करोड़ रूपये के निर्माण कार्यों की सौगात देकर विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इससे सीधी का चौमुखी विकास होगा। 

सीधी में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का परम्परागत आदिवासी शैला एवं करमा लोक नृत्य से स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर स्वयं लड्डू खरीदकर टेस्ट किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बोर्ड परीक्षा में मैरिट सूची मे आने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। 

समारोह में प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा सीधी जिले के प्रभारी मंत्री दिलीप जायसवाल, विधायक सिहावल  विश्वामित्र पाठक, विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल वर्मा, पूर्व विधायक चुरहट शरदेन्दु तिवारी, देव कुमार सिंह चौहान, सदस्य राजेश पाण्डेय, के.के. पाण्डेय, सुभाष सिंह, इन्द्रशरण सिंह तथा बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और हजारों नागरिक उपस्थित रहें। 

Monday, February 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा जीआईएस-2025 का शुभारंभ प्रदेशवासियों के लिये गौरवशाली क्षण


डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश की राजधानी और झीलों की नगरी भोपाल में सोमवार को नया इतिहास रचा गया है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि 8 वीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के इस ऐतिहासिक समागम का शुभारंभ हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद के साथ हुआ है। ये दो दिन मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास के नये आयाम स्थापित करेंगे। इस वर्ष की थीम है ‘अनंत संभावनाएँ’, जो मध्यप्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। इन्वेस्टर्स समिट के रूप में निवेश मनीषियों का यह समागम अनंत संभावनाओं के साथ विकास का नया इतिहास लिखने जा रहा है। हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि राजा भोज की नगरी भोपाल अपने गौरवशाली अतीत के साथ भविष्य की स्वप्निल उड़ान के लिये तैयार है।

 हमें अति प्रसन्नता है कि दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र के सबसे बड़े नायक, यशस्वी प्रधानमंत्री स्वयं इस समिट के साक्षी बने और उन्होंने मध्यप्रदेश को स्वर्णिम विकास का आशीर्वाद दिया। समिट में अनेक देशों के प्रतिनिधि, उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक बंधु, मध्यप्रदेश के प्रवासी मित्र आदि शामिल हुए हैं। मैं इस समिट में पधारे सभी निवेशकों का अपने ह्दय की गहराइयों से मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से स्वागत करता हूं।

हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। आज पूरी दुनिया में भारत और भारतवासियों का सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि वर्ष 2047 तक भारत आर्थिक और सामरिक रूप से विश्व में सर्वश्रेष्ठ शक्ति बने। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प के अनुरूप ही मध्यप्रदेश ने विकास की रूपरेखा तैयार की है। विकास का यह स्वरूप विरासत के साथ वैश्विक भी है। 

मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हम एक वर्ष पहले निवेश और औद्योगिक विकास की यात्रा पर निकले। मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह जल, वन,खनिज,पुरा और कृषि संपदा से समृद्ध है। विविधता से संपन्न प्रदेश के हर क्षेत्र की अपनी विशेषता है, क्षमता है, मेधा है और आवश्यकता है। इसी को केन्द्र में रखकर हमने पहली बार सबसे पहले रीजनल इन्वेस्टर्स समिट का नवाचार किया। इसमें प्रदेश के हर क्षेत्र का कौशल और उद्यम शामिल हुआ। हमने व्यापार में सरलता और निवेशकों के साथ सीधे संवाद को प्राथमिकता दी। मार्च 2024 में उज्जैन से शुरू हुई इस निवेश यात्रा में जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे, दिल्ली, यूके, जर्मनी और जापान आदि शामिल हैं। इन विभिन्न सम्मेलनों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रोड-शोज के माध्यम से मध्यप्रदेश ने 4.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इन निवेश प्रस्तावों ने लगभग 2 लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित किए हैं, जो प्रदेश के प्रति निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है। 

हमने वर्ष-2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया और लक्ष्य निर्धारित किया। इसी दिशा में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कदम उठाये। निवेश को सरल,सहज और व्यवहारिक बनाने के लिए विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों के लिए विशेष नीतियां बनाई गईं। निवेश, उद्योग, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नवाचार, अनुसंधान, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 19 नई नीतियां लेकर आए हैं। इन नीतियों से ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, कृषि, दवा उत्पादन, आईटी, डाटा सेंटर एवं जी.सी.सी, एनिमेशन एवं गेमिंग, ड्रोन एवं सेमी-कंडक्टर, खनिज, पेट्रोलियम, पर्यटन, शिक्षा तथा चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश कर अच्छा वित्तीय लाभ प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को देश का टेक्सटाइल कैपिटल और मैन्युफैक्चरिंग का फेवरिट डेस्टिनेशन कहा है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। साथ ही हमें टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी का ‘ट्रिपल-टी’ मंत्र दिया है, हम उस मंत्र का अनुसरण करेंगे। 

 हम भाग्यशाली है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से मध्यप्रदेश को लगातार महत्वपूर्ण सौगातें मिल रही हैं। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास करते हुए अन्य प्रदेशों से चार गुना से अधिक प्रगति की है। केन्द्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार, डबल डिजिट की विकास दर के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है। 

उद्योगों के विकास और विस्तार के लिए भूमि, जल, बिजली और कुशल कार्यबल आवश्यक है। मुझे यह बताते हुए संतोष है कि हमारे प्रदेश में सरप्लस बिजली है, पर्याप्त पानी है, विशाल लैंड बैंक है और स्किल्ड मेन पॉवर है। कुशल कार्यबल निर्मित करने के लिए हमने ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना की, जिसमें कौशल संवर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

प्रदेश में विकास, निर्माण और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ईज ऑफ डूइंग व्यवस्था की गई, देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी लागू कर समय पर सेवाएं प्रदान करने का क्रम निर्मित किया। किसानों के लिए लाभकारी लैंड-पूलिंग योजना लागू की और कृषि उपज व्यवस्था कोसीधे उद्योग जगत से जोड़ा। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा से यहां जल संपदा की प्रचुरता है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश को केन-बेतवा और पार्वती-काली सिंध-चंबल रिवर लिंक परियोजना की सौगात मिली है। 

ऊर्जा संपन्न मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कई नवाचार किए। रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को बिजली की आपूर्ति हो रही है। वर्ष 2030 तक प्रधानमंत्री जी द्वारा नवकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन उत्पादन का जो लक्ष्य रखा है उसमें मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है। 

मध्यप्रदेश को देश का मुख्य इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए देशभर के एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अधोसंरचना विकास के अंतर्गत मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बाबई) और पीएम मित्रा पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेज पार्क और 06 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। मुझे यह बताते हुए संतोष है कि आगामी वर्ष में 13 औद्योगिक पार्क पूर्ण होंगे और 20 नए औद्योगिक पार्कों का कार्य प्रारंभ किया जाएगा, जिससे प्रदेश में निवेश और रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे। 

हमारा प्रदेश सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है। इस समिट में दुनिया भर से पधारे औद्योगिक प्रतिनिधि और निवेशक प्रदेश के पर्यटन और सांस्कृतिक वैभव से परिचित होंगे। हमने विरासत से विकास का संकल्प लिया है। भारत का वैभवशाली और समृद्ध इतिहास है। अपनी वैभवशाली विरासत के साथ इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, डिफेंस टेक्नोलॉजी तथा अन्य प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में निवेश को केन्द्रित किया गया है। 

प्रधानमंत्री जी का संकल्प है आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को 35 ट्रिलियन डॉलर की पूर्ण विकसित अर्थव्यवस्था बनाना और विश्व की सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित करना है। विकसित भारत निर्माण के इस संकल्प में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलू शामिल हैं। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प की पूर्ति में मध्यप्रदेश सहभागी बनने के लिये प्रतिबद्ध है। यह समिट प्रधानमंत्री जी के सकंल्प,प्रदेश के विकास और जनता के विश्वास को पूरा करेगी। 

इस समिट में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत शामिल हो रहा है। यह पहला अवसर है जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में गांव से लेकर ग्लोबल का समागम हो रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह समिट मध्यप्रदेश की आधारभूत प्रगति और समृद्धि की नई इबारत लिखेगी। विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के साथ विकसित भारत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


(लेखक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

Thursday, February 20, 2025

ऑटोमोबाइल में क्रांति का नया केंद्र बन कर उभर रहा है मध्यप्रदेश

20 फरवरी 2025। भारत में औद्योगिक भविष्य की रूपरेखा अब मध्यप्रदेश से तय हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य न केवल आदर्श निवेश स्थल बन कर उभर रहा है बल्कि ऑटोमोबाइल और ईवी इंडस्ट्री के एडवांस इरा की नई परिभाषा लिख रहा है। डेट्रॉयट जिस तरह 20वीं सदी में ऑटोमोबाइल क्रांति का केंद्र बना था, उसी तरह 21वीं सदी में मध्यप्रदेश ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भारत का फ्यूचर हब बनकर उभर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-2025) इस बदलाव का एक ऐतिहासिक मंच बनेगा, जहां दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियां मध्यप्रदेश के औद्योगिक भविष्य को आकार देने के लिए आगे आएंगी। यह सिर्फ निवेश आकर्षित करने का अवसर नहीं, बल्कि भारत में ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी और ई-मोबिलिटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मंच है।

भारत में ऑटोमोबाइल क्रांति की चर्चा अब पारंपरिक हब्स तक सीमित नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की उद्योग अनुकूल नीतियों और विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क तक पहुंच चुकी है। राज्य सरकार की व्यवसाय समर्थक नीतियां, तेज़ अनुमोदन प्रक्रिया और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया है कि मध्यप्रदेश ही अगला ऑटोमोबाइल सुपर हब बनने की दिशा में अग्रसर है। यहां पहले से ही 30 से अधिक ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफेक्चरर्स, 200 से ज्यादा ऑटो कंपोनेंट निर्माता और 1 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। देश में बसों और ट्रैक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा और कामर्शियल वाहनों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद, राज्य अब सिर्फ उत्पादक केंद्र नहीं, बल्कि एक इनोवेशन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल रिसर्च और टेस्टिंग सेंटर बनाने के विजन के तहत मध्यप्रदेश इसकी स्पीड लैब बनने की ओर अग्रसर है। एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड परीक्षण ट्रैक, 14 टेस्ट ट्रैक और 5 ऑटो-विशिष्ट प्रयोगशालाओं के साथ राज्य दुनिया के अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माताओं के लिए एक वैश्विक परीक्षण केंद्र बन रहा है। यह केवल वाहनों के निर्माण का नहीं, बल्कि स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित करने का केंद्र बनेगा। ईवी बैटरी टेस्टिंग, हाइड्रोजन फ्यूल इनोवेशन और ऑटोमेटेड ड्राइविंग सिस्टम के लिए मध्यप्रदेश अब भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में गिना जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सिर्फ पारंपरिक ऑटोमोबाइल उद्योग को नहीं, बल्कि ईवी और क्लीन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी को भी वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दे रहा है। सरकार विशेष वित्तीय प्रोत्साहन, कर लाभ, तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया और ईवी स्टार्ट-अप्स के लिए अनुकूल इको सिस्टम तैयार कर रही है। मध्यप्रदेश न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण, बल्कि बैटरी निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को लेकर नए मानक स्थापित कर रहा है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 सिर्फ एक इन्वेस्टमेंट समिट नहीं, बल्कि एक वायदा है, भारत में ऑटोमोबाइल और ईवी सेक्टर को मध्यप्रदेश की धरती से नई ऊंचाई तक पहुंचाने का। इस मंच से अग्रणी कंपनियां अपने नए विनिर्माण संयंत्रों और निवेश योजनाओं की घोषणाएं करेंगी। मध्यप्रदेश सरकार ऑटोमोबाइल और ईवी कंपनियों के साथ उद्योग-विशेष समझौते करेगी। क्लीन और स्मार्ट मोबिलिटी के लिए वैश्विक विशेषज्ञों के साथ साझेदारी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश "मेक इन इंडिया" के साथ "मेक इन एमपी" के नए अध्याय को परिभाषित कर रहा है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के मंच से दुनिया देखेगी कि भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का भविष्य अब मध्यप्रदेश की गति से तय होगा।

Thursday, February 13, 2025

मध्यप्रदेश बनेगा ड्रोन निर्माण हब: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 

– शीघ्र शुरू होगा ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी और स्कूल, नीति पर प्रभावी अमल

13 फरवरी 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने के लिए समग्र कार्य योजना तैयार की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति दे दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने वाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश में ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल से प्रेरित होकर ड्रोन नीति सरकार के ड्रोन डेटा और इमेजरी के लिए एक केन्द्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म होगा।

ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी विभिन्न विभागों के मध्य परस्पर डेटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी। यह रिपॉजिटरी तत्काल अद्यतन निगरानी सुविधा प्रदान करेगी, जिससे संसाधनों का त्रुटिरहित आवंटन होगा और अधोसंरचनात्मक विकास में सहयोग मिलेगा। इससे बेहतर समन्वय, निर्णय-प्रक्रिया में मदद मिलने के साथ लागत-समय का सदुपयोग होगा और परियोजनाओं की समीक्षा में सुधार भी होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि डेटा प्रबंधन सुरक्षित रूप से किया जाए और सहयोगी भागीदारों के साथ रिपॉजिटरी की प्रबंधन व्यवस्था पुख्ता रखी जाए। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य की एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सभी ड्रोन डेटा को राष्ट्रीय भौगोलिक नीति-2022 या उसके बाद के किसी संशोधन या नीति के अनुसार डेटा सुरक्षा कानूनों और विनियमों के अंतर्गत संग्रहित किया जाए। संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षित डेटा भंडारण और प्रसारण प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जायेगा।

भविष्य में ड्रोन का उपयोग तेज़ी से बढ़ेगा। यह बिना पायलट वाला यंत्र है जो विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह कई प्रकार से अभिनव समाधान प्रस्तुत करता है और मानव श्रम की बचत करता है। इस तकनीकी से समय पर डेटा संधारित हो जाता है। सटीक और दक्षता के साथ कठिन स्थानों से डेटा संग्रह हो जाता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से कई क्षेत्रों के लिए यह अमूल्य उपकरण साबित हो रहा है।

कृषि क्षेत्र में उपयोग

ड्रोन से फसल की सेहत की निगरानी, रोगों का पता लगाने और फसल की पैदावार का मूल्यांकन करने में सहायता मिल रही है। ड्रोन उर्वरक और कीटनाशक का छिड़काव सटीकता से कर सकते हैं, जिससे अपशिष्ट और नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा। वे उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जिन्हें अधिक या कम पानी की आवश्यकता है। सिंचाई के तरीकों का बेहतर उपयोग करने में ड्रोन मदद करता है।

आपदा प्रबंधन में उपयोग

ड्रोन, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में थर्मल इमेजिंग और हाई-रिजोल्यूशन कैमरों का उपयोग कर प्रभावित लोगों का पता लगा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत तस्वीरें देख बचाव के प्रयासों में मदद कर रहे हैं। पुनर्निर्माण के प्रयासों और बीमा दावों की प्रामाणिकता में मदद मिल रही है। आपातकालीन स्थितियों में ड्रोन चिकित्सा आपूर्ति और खाद्य सामग्री को दुर्गम इलाको में पहुंचा रहे हैं।

निरीक्षण में उपयोग

ड्रोन पुलों, भवनों और अन्य बुनियादी ढांचे का निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें रखरखाव और सुरक्षा मूल्यांकन शामिल हैं। ड्रोन से निर्माण की प्रगति के बारे में वास्तविक समय में अपडेट प्राप्त किया जा रहा है। ड्रोन वन्य जीवों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं और उन्हें परेशान किए बिना उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। जंगलों की सेहत की निगरानी, अवैध लकड़ी कटाई का पता लगाने और जंगल की आग के प्रभाव का मूल्यांकन भी ड्रोन से किया जा रहा है।

ड्रोन स्कूलों की स्थापना

मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए नई ड्रोन नीति के अंतर्गत ड्रोन स्कूल स्थापित करेगा। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य ड्रोन प्रौद्योगिकी में व्यापक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है, जिससे विद्यार्थी और पेशेवर दोनों उद्योग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।

पॉलिटेक्निक, आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेजों को ड्रोन/पार्ट्स डिजाइन, ड्रोन इमेज एनालिटिक्स, एआई टूल्स आदि के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उद्योग के साझेदारों के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। इससे युवाओं को ड्रोन उद्योग में रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किया जा सकेगा। विशेष रूप से ड्रोन निर्माण, मरम्मत, असेंबलिंग और डेटा प्रोसेसिंग में रोजगार प्रदान करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं।

पॉलिसी से लाभ

आगामी 5 वर्षों में लगभग 370 करोड़ रूपये का निवेश अपेक्षित है। लगभग 8,000 (2,200 प्रत्यक्ष एवं 6,600 अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित होंगे। इस क्षेत्र में प्रति करोड़ वित्तीय प्रोत्साहन के आधार पर लगभग 25-30 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

नीति के प्रमुख स्तंभ

ड्रोन इको सिस्टम, कौशल विकास, सेक्टर प्रमोशन और वित्तीय प्रोत्साहन ड्रोन नीति के प्रमुख स्तंभ हैं। इनसे तकनीकी संस्थानों में ड्रोन संबंधी पाठयक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन इको सिस्टम एआई और नवीनतम प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा।

वित्तीय प्रोत्साहन

ड्रोन नीति की घोषणा के बाद डीएसडीएम/डीईएस इकाइयों द्वारा किए गए नए निवेश के लिये 40 प्रतिशत पूंजी निवेश (अधिकतम 30 करोड़ रूपये तक) की सब्सिडी और लीज रेंटल पर 3 वर्ष तक 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति या प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक, जो भी कम हो मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा पहचाने गये क्षेत्रों में आर एंड डी परियोजना शुरू करने के लिये 2 करोड़ रूपये तक का अनुदान मिलेगा। प्रतिभाओं के कौशल उन्नयन के लिये प्रमुख क्षेत्रों में इंटर्न को मुख्यमंत्री "सीखो कमाओ योजना" में 6 महिने तक के लिये 8 हजार रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे। प्रदर्शनियों/कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये किए गए खर्च पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी। यह सब्सिडी घरेलू कार्यक्रमों के लिये एक लाख रूपये और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिये 2 लाख रूपये तक होगी।

भूमि पर निष्पादित पट्टे पर 100 प्रतिशत स्टॉम्प शुल्क और पंजीकरण शुलक की प्रतिपूर्ति की जायेगी। परीक्षण, अंशांकन और प्रमाणन के लिये पॉलिसी अवधि के दौरान 20 लाख रूपये की कैपिंग के साथ प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की सहायता मिलेगी। घरेलू पेटेंट के लिए प्रति पेटेंट 5 लाख रूपए और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रूपए अथवा वास्तविक लागत वहन की जायेगी। 50 करोड़ रूपये से अधिक निवेश करने वाली मेगा स्केल इकाइयों के लिए बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ड्रोन से संबंधित पाठयक्रम जोड़ने वाले कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान 50 प्रतिशत (25 लाख रूपये तक) की कैपेक्स सब्सिडी के लिये पात्र होंगे।

डिजिटलीकरण अभियान की शुरुआत के साथ, ड्रोन क्षेत्र ने सरकारी नीतियों, प्रौद्योगिकी में प्रगति और बढ़ते वित्त पोषण के कारण क्रांतिकारी विकास किया है। इसका वैश्विक बाजार वर्ष-2022 में 71 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष-2030 तक 144 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय ड्रोन बाजार 2030 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मध्यप्रदेश ड्रोन प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्वयं को स्थापित कर सकता है। इसके लिए नवाचार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए ड्रोन के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित किया जायेगा। इससे राज्य को तकनीकी और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाने में भी सहयोग मिलेगा।

Monday, February 3, 2025

भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में मिलेगी नई पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 

3 फरवरी 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण बनेगी। पहली बार राजधानी भोपाल में हो रहे इस आयोजन को लेकर यह न सिर्फ एक निवेश सम्मेलन है, अपितु भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजधानी के पास पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधार मौजूद है। जीआईएस-2025 से भोपाल का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

भोपाल न केवल मध्यप्रदेश का प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि भौगोलिक रूप से भी एक आदर्श औद्योगिक हब बनने की पूरी क्षमता रखता है। यह प्रदेश के केंद्र में स्थित है, जिससे लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है। भोपाल के चारों ओर कई प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पहले से विकसित हैं, जो इस समिट के माध्यम से नए निवेश को आकर्षित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मंडीदीप, बगरोदा, पीलुखेड़ी, मक्सी, गोविंदपुरा, अचारपुरा और फंदा औद्योगिक क्षेत्र न केवल छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यहां स्थापित इकाइयां प्रदेश की औद्योगिक शक्ति को मजबूती भी देती हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास पर काम कर रही है और भोपाल में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। राजधानी के पास पहले से ही सुपर कॉरिडोर, आईटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर जैसी परियोजनाएं चल रही हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक पसंदीदा स्थान बना रही हैं। इसके अलावा, भोपाल में उत्कृष्ट शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों की उपस्थिति इसे कुशल मानव संसाधन का केंद्र भी बनाती हैं, जो औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है।

जीआईएस-2025 में इस बार एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सेक्टर-विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें निवेशकों को उनके क्षेत्र के अनुसार सीधे संबंधित विभागों के साथ संवाद करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह समिट पहली बार 20 से अधिक निवेश और उद्योग नीतियों को प्रस्तुत करने जा रही है, जो देश में अपनी तरह की अनूठी पहल होगी। सरकार ने निवेश प्रक्रिया को तेज़ और सुगम बनाने के लिए नीति सुधार, अनुकूल औद्योगिक वातावरण और व्यापार सुगमता पर विशेष ध्यान दिया है।

भोपाल की औद्योगिक क्षमता को सशक्त करने के लिए सरकार बुनियादी सुविधाओं को भी लगातार विस्तार दे रही है। राजधानी से जुड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग, आधुनिक लॉजिस्टिक्स सेंटर, एयर कनेक्टिविटी और रेल नेटवर्क के विस्तार से यह औद्योगिक दृष्टि से और भी अधिक प्रभावी बन रहा है। हाल ही में रीवा हवाई अड्डे के शुरू होने से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को और मजबूती मिली है, जिससे उद्योगों को तेज़ी से अपने बाजारों तक पहुंचने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-2025 केवल बड़े निवेशकों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय उद्योगों, स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई के लिए भी नए अवसर लेकर आएगी। भोपाल के पास स्थित परंपरागत उद्योगों को वैश्विक बाजार से जोड़ने और उन्हें नई तकनीक व पूंजी से सशक्त करने की दिशा में भी यह समिट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस-2025 के बाद भोपाल केवल मध्यप्रदेश का प्रशासनिक केंद्र ही नहीं, अपितु यह व्यवसाय, नवाचार और निवेश के प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरेगा। साथ ही भोपाल को एक औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम होगा, जो प्रदेश के आर्थिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।


Tuesday, December 24, 2024

अटल जी के नदी जोड़ो स्वप्न से मिली जनगण को सौगात - डॉ. मोहन यादव

उजियारे में, अंधकार में,

कल-कछार में, बीच धार में,

क्षणिक जीत में दीर्घ हार में,

जीवन के शत-शत आकर्षक,

अरमानों को ढलना होगा,

कदम मिलाकर चलना होगा।।

कदम मिलाकर चलने का उद्गोष करने वाले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की आज 100वीं जयंती है। भारत निर्माण के दृष्टा श्रद्धेय श्री अटल जी को शत-शत नमन।

श्रद्धेय अटल जी ने संघ के स्वयंसेवक से लेकर राष्ट्रधर्म के संपादक, जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के दायित्वों के बीच कार्यकर्ताओं की पीढ़ियां निर्मित कीं। व्यक्ति निर्माण, समाज निर्माण, राष्ट्र निर्माण की उनकी परिकल्पना के सभी पक्षों ने देश को आधार प्रदान किया।

धरती को सुजलाम् सुफलाम् करने और समृद्धि के नये आयाम स्थापित करने के लिये श्रद्धेय अटल जी ने लगभग 20 वर्ष पूर्व नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना की थी। उन्होंने देशभर की नदियों को जोड़कर बिखरी पड़ी जलराशि के समुचित प्रबंधन का सपना देखा था।उनका सपना था, देशभर की नदियां आपस में जुड़ें और जल की एक-एक बूंद का उपयोग समाज और राष्ट्र के लिये हो। श्रद्धेय अटल जी 100वीं जयंती पर आज मध्यप्रदेश में केन-बेतवा से विश्व की पहली नदी जोड़ो परियोजना द्वारा जल सुरक्षा का स्थायी समाधान करने की दिशा में महती कदम उठाया जा रहा है।

मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता है कि आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री और वर्तमान पीढ़ी के भागीरथ श्री नरेन्द्र मोदी जी खजुराहो में देश की पहली, महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसी के साथ श्रद्धेय अटल जी का नदियों को आपस में जोड़ने का संकल्प और समृद्धि का सपना मूर्तरूप लेगा।मध्यप्रदेश नदियों का मायका है, सैकड़ों नदियों की विपुल जलराशि से समृद्ध है। प्रदेश की नदियों के आशीर्वाद से यह बहुउद्देशीय परियोजना बुंदेलखंड की जीवन रेखा साबित होगी।

यह परियोजना छतरपुर और पन्ना जिले में केन नदी पर विकसित की जा रही है। इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई एवं 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध एवं 2 टनल का निर्माण होगा। बांध में 2 हजार 853 मिलियन घन मीटर जल का भंडारण किया जायेगा। इसमें दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से मध्यप्रदेश के 10 जिले पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया के लगभग 2 हजार ग्रामों में 8.11 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी और लगभग 7 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा मिलेगी और 103 मेगावॉट जल विद्युत एवं 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसका लाभ संपूर्ण मध्यप्रदेश को मिलेगा।

केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड के हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुंचेगा। प्रदेश में बिजली, कृषि, उद्योग और पेयजल के लिये भरपूर पानी उपलब्ध होगा। खेत को पानी मिलने से फसलों का अमृत बरसेगा। किसानों के जीवन में खुशहाली आयेगी और बुंदेलखंड की तस्वीर तथा तकदीर बदलेगी। इस परियोजना से खेती-किसानी, उद्योग, व्यवसाय और पर्यटन को गति मिलेगी जिससे पलायन रुकेगा और नागरिकों का जीवन खुशहाल होगा। जलराशि की विपुलता के साथ बाढ़ तथा सूखा, दोनों समस्याओं का समाधान होगा।

हमारा संकल्प है विरासत के साथ विकास। इसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुएपरियोजना में ऐतिहासिक चंदेलकालीन 42 तालाबों को सहेजने का कार्य किया जायेगा।यह तालाब वर्षाकाल में जल से भर जायेंगे। इससे धरती का जल स्तर बढ़ेगा जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।

मध्यप्रदेश कृषि बाहुल्य प्रदेश है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का हमारा लक्ष्य है। मुझे विश्वास है कि केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से हम इस लक्ष्य को पूर्ण करने में सफल होंगे और बुंदेलखंड की प्रगति के नये द्वार खुलेंगे। इसी विश्वास के साथ मैंने बुंदेलखंड के किसानों से यह आग्रह किया था कि यहां के सूखे का तोड़ निकल जायेगा, किसी भी हाल में अपनी जमीन मत बेचना। मुझे खुशी है कि मेरा वह विश्वास सही साबित हुआ।

यह हमारे लिये प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश, इस समय जनकल्याण पर्व मना रहा है। अटल जी के 100वीं जयंती पर त्रिपक्षीय अनुबंध से केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की सौगात प्रदेशवासियों को मिलना अद्भुत संयोग है। मुझे बताते हुए हर्ष है कि कुछ दिनों पूर्व हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना की सौगात दी थी। इस परियोजना में 21 बांध, बैराज निर्मित किये जाएंगे। परियोजना से प्रदेश के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा। मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा।

एक साथ प्रदेश में दो नदी जोड़ो परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाना ऐतिहासिक अवसर है। यह हमारे लिये गर्व की बात है कि इतिहास में बुंदेलखंड शौर्य, पराक्रम, वीरता और बलिदान का प्रतीक है। वीरों की भूमि बुंदेलखंड अब नदी परियोजना से विकास की भूमि के रूप में जानी जायेगी।


मुझे बताते हुये आनंद है कि आज ही के दिन प्रदेश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति किये गये प्रयास धरातल पर उतरने वाले हैं। पुण्य सलिला मां नर्मदा पर विकसित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करेंगे। परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है।


लोकतंत्र की प्रथम इकाई, ग्राम पंचायत से आरंभ होती है। अटल जी ने गांव को सुशासित और सशक्त बनाने का अभियान चलाया था। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने, श्रद्धेय अटलजी के स्वप्न को साकार करने के लिये गांव को आत्मनिर्भर, स्वच्छ, समृद्ध और सुशासित बनाने का संकल्प लिया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत का अपना भवन हो, इसके लिये प्रधानमंत्री आज मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन करेंगे।


श्रद्धेय अटल जी की 100वीं जन्म जयंती पर आज शुरू होने वाली ऐतिहासिक परियोजनाओं और कार्यों से प्रगति के नये द्वार खुलेंगे। बुंदेलखंड जलशक्ति से संपन्न हो जायेगा और किसान समृद्ध होंगे। इससे समूचे क्षेत्र में खुशहाली आयेगी और युवाओं को नौकरी के लिये पलायन नहीं करना पड़ेगा।


सौभाग्य से यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और डबल इंजन की सरकार से। हमारी सरकार ने पहली बार रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर उद्योगों को छोटे शहरों तक पहुंचाने का नवाचार किया है। यह कार्य और आगे बढ़ेगा।मध्यप्रदेश प्रगति और उन्नति का नया इतिहास रच कर अग्रणी राज्य के रूप में आकार लेगा।


राष्ट्र दृष्टा श्रद्धेय अटल जी ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से देश को जहां अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया, वहीं भविष्य के लिये नदी जोड़ो परियोजनाओं की संकल्पना से राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उसी पर चलकर मध्यप्रदेश समृद्धि, विकास, निर्माण और खुशहाली का नया अध्याय रचेगा।


देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, श्रद्धेय अटल जी के संकल्प को पूरा करने खजुराहो आ रहे हैं। मेरा प्रदेशवासियों से आग्रह है कि आप भी हरी-भरी वसुंधरा के लिये होने वाले इस अनुष्ठान में शामिल होकर ऐतिहासिक पल के साक्षी बनें।


श्रद्धेय अटल जी के जन्म के 100वें वर्ष में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में दो नदी जोड़ो परियोजनाओं को साकार करने की पहल पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी को संपूर्ण राष्ट्र की आदरांजलि है।


(लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

Thursday, October 10, 2024

ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन की नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का हुआ शुभारंभ


10 अक्टूबर 2024। "संपदा-2.0", ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन अब कल्पवृक्ष की तरह आमजन की हर जरूरत पूरी कर रहा है। जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई- रजिस्ट्री जैसे नवाचार ने सभी का जीवन सरल और सुगम बनाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में नवीन तकनीक पर आधारित "संपदा-2.0" का नवाचार ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा। इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा। पहले प्रदेश में दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ कर रहे थे।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 2 नए महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं। इसमें 120 शहरों के जीआईएस कार्य को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से आईटी विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने जा रहे हैं। इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है। आईटी में नवाचार के साथ मध्यप्रदेश सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी। 


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "संपदा-2.0" की खूबियां बताते हुए कहा कि "संपदा-2.0" उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।


प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश लगातार नवाचार कर रहा है। इस दिशा में प्रदेश में संपदा-2.0 की नई व्यवस्था प्रधानमंत्री श्री मोदी की मंशानुरूप ईज ऑफ लिविंग को दृष्टिगत रखते हुए लागू की जा रही है। इससे पंजीयन की व्यवस्था सुगम, सरल ओर करप्शन-फ्री बनेगी। नागरिकों को ई-पंजीयन और ई-स्टाम्पिंग की नवीन प्रणाली का लाभ मिलेगा। लोग घर बैठे अपनी प्रापर्टी को बेच भी सकेंगे और रजिस्ट्री करा सकेंगे। इस प्रणाली से प्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के बाहर से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रियाँ करवाई जा सकेंगी। इससे आम व्यक्ति का समय भी बचेगा और अनावश्यक रूप से लगने वाले आरोपों से मुक्ति भी मिलेगी।


ई-पंजीयन कराने वालों से किया संवाद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ई-पंजीयन एवं ई-स्टांपिंग के नवीन साफ्टवेयर "संपदा-2.0" का शुभारंभ कर इसका लाभ लेने वाले नागरिकों से वर्चुअल संवाद भी किया। हाँगकांग से श्री सुरेन्द्र सिंह चक्रावत ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि "संपदा-2.0" के माध्यम से उन्होंने हाँगकांग से ही रतलाम में "पॉवर ऑफ अटार्नी" दस्तावेज का पंजीयन करवाया है। इसी प्रकार जबलपुर में जन्मी 78 वर्षीय बुजुर्ग डॉ. शक्ति मलिक जो वर्तमान में दिल्ली में निवासरत है, उन्होंने भी "संपदा-2.0" के माध्यम "पॉवर ऑफ अटार्नी" दस्तावेज का पंजीयन ऑनलाइन करवाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद में डॉ. मलिक ने बताया कि म.प्र. में की गई इस नई व्यवस्था से वे बेहद प्रसन्न है। उन्होंने कहा कि जो काम मुझे रतलाम जाकर करना पड़ता, वह दिल्ली में बैठे-बैठे हो गया।


जो स्पेन में नहीं हुआ, वह हुआ मध्यप्रदेश में : मरियानो मटियास

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से वर्चुअल संवाद में स्पेन के श्री मरियानों मटियास ने बताया कि आज तक स्पेन में भी ई-रजिस्ट्री का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को धन्यवाद के साथ कहा कि जो काम स्पेन में नहीं हुआ, वह मध्यप्रदेश ने उनके नेतृत्व में टीम ने करके दिखा दिया है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश मैट्रो रेल कॉर्पोरेशन के वर्क कॉट्रेक्ट का ऑनलाईन पंजीयन "संपदा-2.0" से कॉर्पोरेशन के पदाधिकारियों और दिल्ली में मौजूद स्पेन से आये श्री मरियोनो मटियास अलवरेज अर्स की कंपनी Ayesa Ingeniera Y Arquitecura S.A.U. एवं श्री पुष्पेन्द्र गुप्ता (Ayesa India Pvt Ltd) द्वारा किया गया।


देश में रजिस्ट्री पंजीयन की डिजिटल प्रक्रिया में मध्यप्रदेश अग्रणी - उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा

उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि देश में रजिस्ट्री पंजीयन की डिजिटल प्रक्रिया में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशन में "संपदा-2.0" का सरलीकरण एवं सुधार द्रुत गति से हुआ है। प्रदेश की जनता के लिये दस्तावेजों के ऑनलाइन पंजीयन के पारदर्शी प्रणाली लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जिलों में सफलतापूर्वक संचालन के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया पूर्णत: पेपरलेस होने से गलतियों की गुंजाईश नहीं रहेगी। मोबाईल ऐप से किसी भी लोकेशन की गाईड लाइन दर तत्काल प्राप्त होगी। उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने सॉफ्टवेयर बनाने वाली टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।


मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पंजीयन विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में "संपदा-2.0" पोर्टल और ऐप पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का चित्र भेंट किया

Wednesday, May 15, 2024

मध्यप्रदेश: 12 सीएस-रैंक अधिकारी 15 महीने में सेवानिवृत्त होंगे prativad.com


मध्यप्रदेश: 12 सीएस-रैंक अधिकारी 15 महीने में सेवानिवृत्त होंगे prativad.com: 15 मई 2024। राज्य में 15 महीने में बड़ी संख्या में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रिटायर होने वाले हैं। 2024 से 2025 के बीच 12 मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी सेवानिवृत्त

Saturday, October 7, 2023

अब गोपाल भार्गव ने सीएम बनने की इच्छा जताई prativad.com


अब गोपाल भार्गव ने सीएम बनने की इच्छा जताई prativad.com

भाजपा सरकार की योजनाओं का सामाजिक प्रभाव, रेवड़ी बांटने का आरोप निराधार prativad.com


भाजपा सरकार की योजनाओं का सामाजिक प्रभाव, रेवड़ी बांटने का आरोप निराधार prativad.com

Thursday, September 14, 2023

भारत को विश्व की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में लाने में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी prativad.com


भारत को विश्व की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में लाने में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी prativad.com: 14 सितंबर 2023। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीना में 51 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में

मानसेवी चिकित्सकों की सेवायें लेने का आदेश तेरह साल बाद निरस्त prativad.com

मानसेवी चिकित्सकों की सेवायें लेने का आदेश तेरह साल बाद निरस्त prativad.com